कोलकाता ट्राम की सवारी
कोलकाता ट्राम की सवारी

कोलकाता ट्राम की सवारी

अब कोलकाता की मशहूर ट्राम की सवारी नहीं कर सकेंगे लोग, इतिहास बनने के कागार पर ट्राम सेवा.

कोलकाता एक ऐसा शहर, जिसे सिटी ऑफ़ जॉय भी बोला जाता है. ये शहर का मिजाज ऐसा है, जहां अमीर -गरीब सभी को आशियाना और पेट भरता है. ये सिर्फ शहर ही नहीं है, बल्कि एक संस्कृति और इतिहास को भी सहेजे -समेटे हुए है. इससे ताल्लुकात हर नामचीन, बुद्धिजीवी और ज्ञानी शख्स का रहा है . यहां की काला और संस्कृति का डंका सदियों से बजता रहा है. आज भी ऐसे -ऐसे ऐतिहासिक विरासत यहां मौज़ूद है, जिस सहेजकर रखा गया है और जिसका दीदार करने देश -दुनिया से लोग पहुंचते हैं.और खुद को खुसनसीब मानते हैं.लेकिन, समय के घूमते पहिए और आधुनिकता के रंग में, अब विरासत और धरोहर पर संकट आन पड़ी हैं, जो मानो यादें बनने के मुहाने पर खड़ी हैं.वक़्त अपने साथ कई चीज़े ले जाता हैं, जो इसका शगल और रंग है.जिसे शायद कोई रोक भी नहीं सकता.

ऐसा ही कुछ कोलकाता की ऐतिहासिक ट्राम सेवा के साथ हुआ है, जो अब यहां की सड़कों पर नहीं दिखेगी. इसकी सवारी की तमन्ना रखने वाले सेलानी और लोग अब अछूते रह जायेंगे, क्योंकि पश्चिम बंगाल की सरकार ने इसे बंद करने का फैसला लिया है. ये खबर और फैसला तो चुभने और दर्द देनेवाला है. इसके पीछे वजह ये है कि कोलकाता ट्राम का 150 सालों का इतिहास है यानि आजादी से पहले अंग्रेजों के ज़माने से ये चलता आ रहा है, लेकिन अब इसके पहिए पर ब्रेक लग जायेगा और इतिहास में दफ़न हो गया है.

सवाल यहीं है कि क्या हमेशा के लिए ट्राम सेवा बंद हो जाएगी?, तो इसके जवाब राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती का कहना है कि महानगर कोलकाता में नई सड़कें तो नहीं बनी है, लेकिन गाड़ियों की संख्या में काफ़ी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. अगर ट्राम चलाया गया तो जाम की समस्या बनी रहेगी. इसके चलते इसे चलाना अभी के वक़्त में मुश्किल है.

उनका कहना था कि मौजूदा समय में दो रुट्स पर ट्राम चल रही है. पहला धर्मतल्ला से श्यामबाजार और दूसरा धर्मतल्ला से बालीगंज. जिसे बंद करने का निर्णय लिया गया है. हालंकि उन्होंने ये जरूर कहा कि जॉय राइड अथवा हेरिटेज के तौर पर ट्राम का संचालन धर्मतल्ला से मैदान के बीच किया जायेगा. जो सुसज्जित रूप से बतौर चलता रहेगा. जो पर्यटक कोलकाता घूमने आएंगे इसका आनंद उठा सकते है.

राज्य के परिवहन मंत्री ने ये भी बताया कि ट्राम के लिए बिछी पटारियां को उखाड़ा जायेगा, ताकि छोटी गाड़ियां को दुर्घटना से बचाया जा सके.

राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोलकाता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है और इसका जवाब राज्य सरकार को कोर्ट को देना है.

फिलहाल ट्राम सेवा के बंद होने के फैसले से मायूसी पसरी है. अभी भी उम्मीदे है कि शायद ट्राम सेवा महानगर में बंद न हो. आगे सभी की नजरें इसपर टिकी हुई है.