हिम्मत और जज्बे से अपनी उड़ान भरती पैरा-एथलीट अंजली ठाकुर
हिम्मत और जज्बे से अपनी उड़ान भरती पैरा-एथलीट अंजली ठाकुर

हिम्मत और जज्बे से अपनी उड़ान भरती पैरा-एथलीट अंजली ठाकुर

जब तक आप हार नहीं मानते, तब तक आप हारे नहीं हैं। पैरा-एथलीट अंजली ठाकुर की कहानी इस बात को साबित करती है। अंजली हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चच्योट तहसील के मावीसेरी इलाके के जनायानी डोगरी गांव की रहने वाली हैं। अंजली एक बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती है। उनके पिता ढमेश्वर ठाकुर किसान हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण गंभीर शारीरिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने बोशिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। आपको बता दें कि बोशिया एक पैरालंपिक खेल है,  जो गंभीर शारीरिक विकलांगता वाले एथलीटों के लिए डिज़ाइन किया गया एक बॉल खेल है। इस खेल में  खिलाड़ी लेदर बॉल को लक्ष्य के करीब फेंकते हैं, जिसे जैक के रूप में जाना जाता है। इसे व्यक्तिगत रूप से, जोड़े में या तीन लोगों की टीम में खेला जा सकता है। दस साल पहले जब अंजली हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बासा में सरकारी डिग्री कॉलेज में छात्रा थी, तो उनका एक्सीडेंट हो गया था। वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उनके शरीर के निचले हिस्से ने काम करना बंद कर दिया। 2022 में, वह चंडीगढ़ चली गई और तीन महीने के गहन इलाज़ के बाद, वह न केवल बेहतर हुई, बल्कि उन्होंने एक नया दृष्टिकोण भी पाया। अंजलि ने बोशिया में अपनी रुचि विकसित करने से पहले अलग-अलग रास्तों पर अपनी नज़रें जमाईं पर आखिरकार उन्होंने बोशिया में ही अपना ध्यान लगाने की ठानी ।

अंजलि ने नई दिल्ली (2023) और इंदौर (2024) में राष्ट्रीय चैंपियनशिप में व्यक्तिगत बोशिया में स्वर्ण पदक जीता और 2023 दिल्ली नेशनल्स में पेयर बोशिया में रजत पदक हासिल किया। उन्होंने 2023 पैरा एशियाई खेलों और हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप1 में भी भाग लिया। उनकी लगन और कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2024 में काहिरा में होने वाले विश्व बोशिया चैलेंजर में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बोशिया पैरा खेल प्रतियोगिता में चीन में होने वाले पैरा एशियाई खेलों, 2023 में देश का नेतृत्व करने के लिए अंजलि देवी को 3 लाख रुपये प्रदान किए । अंजली के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे कर सकते हैं और उन्हें कैसे पार कर सकते हैं। अगर आपके पास भी ऐसी कोई प्रेरणादायक कहानी है तो हमें जरूर मेल करें ।