भक्ति और प्रेम के गीत गाता एक संघर्षशील गायक
भक्ति और प्रेम के गीत गाता एक संघर्षशील गायक

भक्ति और प्रेम के गीत गाता एक संघर्षशील गायक

कहते हैं संगीत एक साधना है और ये बलिदान मांगती है । हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले के बग्गा खूटेड के रहने वाले आदित्य भारद्वाज एक उभरते हुए गायक है जिन्होनें संगीत के लिए अपना सब कुछ दाव पर रख दिया है । एक अत्यंत निर्धन परिवार से आने वाले आदित्य की आरंभिक परीक्षा अपने गाँव से ही हुई । स्कूल से ही उन्हें संगीत का शौक था और जब भी स्कूल या घर के आस पास कोई भी प्रोग्राम होता आदित्य उसमें जरूर भाग लेते ।

आदित्य का मन था कि स्कूल के बाद वह अपनी पढ़ाई जारी रखें और कॉलेज में भी प्रोग्रामों में भाग लेते रहें । घर की आर्थिक स्थिति खराब होने का कारण उनको अपनी पढ़ाई रोकनी पड़ी । स्कूल से निकलने के बाद आदित्य ने कुछ समय तक एक इलेक्ट्रिकल दुकान में काम किया। दुर्भाग्य से उसे उसके काम के लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया। दो साल बाद आदित्य ने एक कपड़े की दुकान में नौकरी शुरू की । वह अपनी आजीविका कमाने लगा, लेकिन संगीत के प्रति जुनून ने उनकी नींद हराम कर रखी थी और उसे अक्सर ये बेचैनी  होती कि कहीं संगीत से उसका साथ ना छूट जाये ।

इस बीच आदित्य की  मुलाकात संगीत जगत से जुड़े कुछ नए लोगों से हुई। किसी तरह उसका संपर्क प्रवीण मेहता नामक एक संगीत शिक्षिका से हुआ। प्रवीण मेहता ने आदित्य को संगीत अकादमी में दाखिला लेकर अपनी गायन की शैली को बेहतर करने का सुझाव दिया। हाथ में पैसे नहीं होने के कारण आदित्य को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। इस बीच आदित्य ने अपनी दूर की रिश्ते की बहनों की मदद से कई रामलीला समारोहों और अन्य संगीत पार्टियों में गाया। वह पूरी मेहनत और लगन से इन मंचों पर गाते भले ही इसके लिए उसे  बहुत कम रुपये मिलते। वह काफी समय तक अलग-अलग जगहों पर काम करता रहा पर पूरा ध्यान संगीत में ही रहता।

आखिरकार आदित्य अपनी सारी नौकरियां छोड़ दी और प्रवीण मेहता की संगीत अकादमी में दाखिला ले लिया। इस बीच आदित्य के भाई को भी नौकरी मिल गई और वह उसका साथ देने लगा । तब से वह जिले भर में अलग-अलग कार्यक्रमों में भजन और भक्ति गीत गा रहा  है। अदिति मुख्य रूप से दो विधाओं पर ध्यान केंद्रित करता है । एक है भक्ति संगीत, खासकर राम भजन। वह मास्टर सलीम के गीतों से बेहद प्रभावित हैं और उनके गीतों को गाते रहते हैं। साथ ही वह पंजाबी गाने भी गाते हैं और सतिंदर सरतज के खास शौकीन हैं। फिलहाल आय का कोई स्रोत न होने के बावजूद उनका पूरा ध्यान प्रवीण मेहता से संगीत की शिक्षा लेने पर है। अपने संघर्षों के बावजूद उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन वह संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकेंगे।