हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रहने वाले सरबजीत सिंह, जिन्हें “बॉबी जी” भी कहा जाता है,पिछले 20 सालों से गरीब मरीजों की मदद कर रहे हें ।
उनका समाज सेवा का काम तब शुरू हुआ जब उन्हें मालूम पड़ा कि कई लोगों के शव मुर्दाघरों में लावारिस छोड़ दिए जाते हें क्योंकि उनको ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल पाता । इसके लिए उन्होंने एक वैन सेवा शुरू की और हज़ारों शवों को श्मशान स्थल तक ले गए । उनका कहना है कि आज तक उन्होंने कभी भी किसी मृत व्यक्ति के शव को श्मशान स्थल पर ले जाने के लिए मना नहीं किया है । इसके कुछ समय बाद उन्होंने हर रविवार को रक्तदान शिविर शुरू किया और अब तक उनके द्वारा शिमला के अस्पतालों के लिए 30000 यूनिट से अधिक रक्त एकत्र किया गया है।
2014 में सरबजीत सिंह ने अपने गैर-लाभकारी संगठन, Almighty Blessings के तत्वावधान में शिमला के एकमात्र कैंसर अस्पताल में वंचित रोगियों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए एक मुफ्त कैंटीन की स्थापना की। उन्हें पता चला कि इस कैंसर अस्पताल में राज्य भर से आने वाले रोगियों के लिए सस्ती कैंटीन भी नहीं है , जिनमें से कुछ काफी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हें । उनमें से कुछ इतने गरीब होते हें कि वे भोजन भी नहीं खरीद सकते , दवाओं को खरीदना तो बहुत दूर की बात है । शुरू में जब उन्होंने फ्री कैंटीन खोली , तो मरीजों और उनके परिचारकों को मुफ्त में चाय और बिस्किट मिलते थे । आज हर मरीज और उनके तीमारदार कैंटीन से हर दिन मुफ्त चाय, बिस्कुट, सूप, दलिया और दाल-चावल ले सकते हैं।
2016 में सिंह के एनजीओ Almighty Blessings द्वारा शिमला के सबसे बड़े अस्पताल में एक और मुफ्त कैंटीन स्थापित की गई थी। कैंटीन के अलावा, संजौली, टोटू, कसुमपति, लक्कड़ बाजार और लोअर बाजार में पांच चपाती बैंक स्थापित किए गए हैं।
ये बैंक अलग अलग घरों और परिवारों से हर दिन ताजा चपातियां एकत्र करते हैं और गरीब मरीजों और उनके रिश्तेदारों को भोजन में देते हें। सरबजीत सिंह बॉबी जैसे नेक व्यक्ति आज हमारे समाज के लिए एक मिसाल हें जहाँ पैसे और लालच के लिए लोग एक दूसरे का गला काटते नज़र आते हें। आशा है हम सब लोग भी अपने आस-पास गरीब लोगों की मदद के लिए कुछ ना कुछ जरुर करेंगे।