नसीब तो खुद लिखा जाता है, कोई भला किसी की तकदीर कैसे लिख सकता है. बेशक मुफलिसी की चादर जिंदगी ओढ़ी हो, कांटे आगे बढ़ने की राह में बिछाए गए हो, लेकिन हौसले से हर काम मुमकिन हो जाता है.
बिहार एक नौजवान ने एक सपना देखा, कुछ कर गुजरने का, कुछ कोशिशों को आयाम देने का. इसके लिए रिक्शा चलाया, सब्जी बेची और कई चिज़े की. लेकिन, महज 12वीं पास दिलखुश ने हार नहीं मानी, बल्कि शिकास्त को ही साथी मान लिया.
एक बस ड्राइवर के बेटे दिलखुश ने रोडवेज नाम की एक एप बनाई. जो बिहार में लोगों को सस्ते किराये में उनकी मंजिल तक पहुंचाती है. 50 किलोमीटर से ज्यादा का सफ़र करना चाहते है, तो रोडबेज आपके लिए बेहद मददगार होगी, क्योंकि ये आपको एक तरफ का ही किराया वसूलती है.जबकि अन्य कंपनी दोनों तरफ का किराया लेती, रोडबेज की इसी खासियत के चलते इनका सिक्का बाजार में खूब चल रहा है.
आइए जानते है कि दिलखुश कुमार का ये सफर कैसे शुरू हुआ. दरअसल, दिलखुश अपनी 12 वीं पास की तो वे दिल्ली चले गए काम ढूंढने. उनके पिता ड्राइवर थे तो उन्होंने इसपर हाथ आजमाई, लेकिन कोई उन्हें अपनी कार चलाने नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और फिर रिक्शा चलाना शुरू किया. रिक्शे के सहारे दिल्ली की गलियों को वे नापने में कामयाब हो गए. उनकी कोशिश रंग ला रही थीं और कुछ बड़ा करने की सोच रहें थे तब ही उनकी तबीयत ख़राब हो गई. उनके पिता ने वापस गांव भेज दिया.यहां भी उन्होंने ड्राइवरी का ही काम शुरू किया. लोग ताने मारते थे की ड्राइवर का बेटा है तो ड्राइवर ही बनेगा. ऐसी बाते बोलकर मज़ाक बनाया करते थे. हालांकि, इन चीज़ों को दरकिनार कर दिलखुश ने जिंदगी में आगे बढ़ने की सोची और सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर काम शुरू किया.
2016 में एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने आर्या गो नाम की एक कंपनी शुरू की.यह तरकीब चल निकली. बाद में उन्होंने 2022 में एक और कंपनी रोडबेज शुरू की, यह कंपनी मुसाफिरों के लिए 50 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी के लिए कैब मुहैया कराती है.दिलखुश बताते है कि इसकी शुरुआत उन्होंने एक पुरानी नैनो कार से शुरू की थी.इसके बाद गाड़ियों का कारवां बढ़ता गया.आज इसकी वैल्यूयेशन करोड़ों में है. दिलखुश बताते है कि उन्होंने इसे शुरू 60 से 70लाख रूपये निवेश के साथ शुरू किया था.इसके बाद बाजार से 4 करोड़ की पूंजी लगाई थीं. आज रोडवेज का वैल्यूयेशन 10 करोड़ से ज्यादा है. दिलखुश की माने तो रोडबेज एप को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने इनस्टॉल किया है.और लगातार लोग इसमे दिलचस्पी दिखा रहें हैं. पटना में रोडबेज का ऑफिस हैं और लगातार ये अपने बिज़नेस को आगे बढ़ा रही हैं. रोडवेज से कई टैक्सी सर्विस देने वाले एसोसिएट भी जुड़ रहें हैं.दिलखुश के रोडबेज की गाड़ी सही मायने में चल पड़ी हैं.
दिलखुश कुमार की ये कहानी बताती है कि अगर इंसान कुछ ठान ले तो कामयाबी तो झक मारकर आएगी. उसके जुनून और दम के आगे गुरबत को झुकना पड़ता है. उसे आँखों का तारा बनने और दुनिया उन्हें सलाम करने से पीछे नहीं हटती.दिलखुश कुमार की इस सफलता को You Speak की तरफ से बधाई.